पिछले एक सप्ताह से बदला मौसम फसलो के लिये बढ़ता तापमान बन रहा है परेशानी
गेंहू, धनिये, मेथी, लहसुन व सरसो की फसलों में उत्पादन हो रहा है प्रभावित दिन का 34 डिग्री सेल्सियस के आप पास बना हुआ है लगातार बढ़ रहा है तापमान
देश में इस वर्ष जहां रबी की विभिन्न फसलों के रिकार्ड उत्पादन का अनुमान कृषि विभाग ने लगाया है। वहीं फरवरी महीने में अचानक हुई तापमान में वृद्धि कृषि वैज्ञानिकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, क्योकिं अधिक तापमान से फसलों की पैदावार में भारी गिरावट आने की संभावना व्यक्त की जा रही है ।
कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने गुरूवार को बताया कि इस समय गेहूं के अच्छे उत्पादन लिए दिन का अनुकूल तापमान 25 से 28 डिग्री सेल्सियस रहना चाहिए, परन्तु इस समय कई स्थानों पर दिन का तापमान 33/34 डिग्री सेल्सियस से ऊपर व रात का तापमान 10 से 15 डिग्री सेल्सियस के लगभग बना हुआ है ।
तापमान में हुई इस आकस्मिक वृद्धि से फसलों को काफी नुकसान होने की संभावना बताई जा रही है। गेहूं में रासायनिक दवाओं का छिड़काव करें। कृषि मौसम वैज्ञानिक द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में बताया कि गेहूं की फसल में बीज भराव व बीज निर्माण की अवस्था पर आकस्मिक तापमान वृद्धि नुकसान देय है।
अगर यह स्थिति आगामी कुछ दिनों तक बनी रहती है तो इसके बचाव हेतु आवश्यकतानुसार सिंचाई किसानों को करनी चाहिए।
गेहूं की फसल में आकस्मिक तापमान वृद्धि से होने वाले प्रभाव से बचने के लिए बीज भराव व बीज निर्माण की अवस्था पर सीलिसिक अम्ल (15 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी) के विलियन अथवा सीलिसिक अम्ल (10 ग्राम प्रति 100 लीटर पानी 25 ग्राम 100 लीटर पानी) का परणीय छिड़काव (फॉलियर स्प्रे ) करें। सीलिसिक अम्ल का प्रथम छिड़काव झंडा पत्ती अवस्था व दूसरा छिड़काव दूधिया अवस्था पर करने से काफी लाभ होगा। सीलिसिक अम्ल गेंहू को प्रतिकूल परिस्थितियों में लड़ने की शक्ति प्रदान करता है व निर्धारित समय पूर्व पकने नहीं देता जिससे की उत्पादन में गिरावट नहीं होती।