खेमे में बटी राजस्थान भाजपा की नई उम्मीद की किरण राजस्थान में पुलवामा शहीदों की विधवाओं का विरोध प्रदर्शन जबर्दस्त मुद्दा बना हुआ है। इसको लेकर कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं। एक तरफ भाजपा गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगा रही है। वहीं, दूसरी तरफ अशोक गहलोत का कहना है कि भाजपा राजनीति के लिए विधवाओं का इस्तेमाल कर रही है। इस मामले में गरमी भाजपा नेता किरोड़ीलाल मीणा को हिरासत में लिए जाने के बाद आई है। अब राजस्थान में कई खेमों में बटी और मुद्दों के लिए जूझ रही भाजपा पुलवामा शहीदों विधवाओं के मामले को ठंडा नहीं पड़ने देना चाहती।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव इसी साल होने वाले हैं।
राजस्थान में पुलवामा शहीदों की विधवाओं का मुद्दा करीब दो हफ्तों से चल रहा है। यह विरोध प्रदर्शन साल 2019 में पुलवामा हमले में मारे गए सिपाहियों की विधवाएं कर रही हैं। यह लोग अपने परिवार के लिए नौकरी समेत विभिन्न मुद्दों पर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। बीते दिनों यह प्रदर्शन सचिन पायलट के आवास के बाहर चल रहा था। बाद में पुलिस ने यहां प्रदर्शन कर रही महिलाओं को हटाकर उनके घरों के पास स्थित अस्पताल में शिफ्ट कर दिया था।