जन सैलाब उमड़ पड़ा सांगोद न्हाण देखने के लिये
बी एम राठौर
सांगोद, 12 मार्च। राजसी वैभव एवं राजस्थानी लोक संस्कृति के वैभवशाली अतीत की यादे रविवार को यहां न्हाण खाड़ा अखाड़ा चौबे पाड़ा की बारह भाले की सवारी में साकार हो उठी। सजे धजे अश्वों पर सवार राजसी परिधान पहने अमीर उमरावों के साथ स्वांगों की अठखेलियों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इससे पहले स्वांग लाने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया। बच्चों एवं युवाओं की टोलियां स्वांग धरकर बाजारों में लोगों का मनोरंजन करते नजर आए। देर शाम साढ़े पांच बजे दाऊजी मंदिर से शुरू हुई बारह भाले की सवारी होली का चौक, जामा मस्जिद, पुराना बाजार होते हुए खाड़ा परिसर पहुंची। जहां मां ब्रह्माणी की पूजा अर्चना के साथ सवारी का समापन हुआ। एहतियात के तौर पर जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात रहे। संवेदनशील स्थल ब्रह्माणी के चौक में भी पुलिस का जाप्ता तैनात रहा। सवारी देखने इस बार भी लोगों की भीड़ उमड़ी। सवारी मार्ग पर मकानों एवं दुकानों की छतें लोगों से ठसाठस भरी रही। भीड़ के चलते स्वांगों को खासी करनी पड़ी। सवारी शुरू होने के कई घंटों पहले ही महिलाएं न्हाण देखने आ पहुंची। कईं लोगों को बैठने की जगह नहीं मिलने से घंटों तक खड़े रहकर आयोजन का लुत्फ उठाना पड़ा।
–जमकर थिरके किन्नर–
सवारी में बैंडबाजे पर बजते ल्यो जी थांकी कूंच्या मुं तो सांगोद जारी छुं, न्हाण भर्यों छ खाड़ा को मुं देख आउली…, बोल शंकर्या रे…नगीनों म्हारों गुम ग्यो रे…जैसे पारम्परिक गीतों के साथ हिन्दी रिमेक्स गीतों पर भी युवाओं ने जमकर ठुमके लगाए। किन्नरों ने भी अपने नृत्यों से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इससे पूर्व दोपहर को यहां किन्नरों ने मां ब्रह्माणी की पूजा अर्चना भी की। जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
— स्वांगों ने किया मंत्रमुग्ध–
सवारी में कोड़े मारते युवाओं के स्वांग ज्यादा रहे। लुहार परिवार के साथ सांटियों की लड़ाई, फकीर, लेला-मजनू, सेठ-सेठानी, भीड़ को हटाने के लिए कोढे बरसाते युवक जैसे परम्परागत स्वांगों के साथ डीजल में सने युवाओं को कोढ़े मारते स्वांग अधिक रहे। सैनिक, रानी लक्ष्मी बाई बने बच्चों ने लोगों का ध्यान खींचा। डकेत और दबंग पुलिस अधिकारी के स्वांग आकर्षक रहे। सोमवार को बादशाह की सवारी के साथ न्हाण लोकोत्सव का समापन होगा। बादशाह की सवारी देर शाम पांच बजे बपावर रोड स्थित गायत्री चौराहा से शुरू होगी।
— जगह-जगह सज गई दुकानें–
खाड़े के न्हाण में बादशाह की सवारी देखने हर साल लोगों की भीड़ उमड़ती है। एक अनुमान के मुताबिक यहां अंतिम दिन पचास हजार से अधिक बाहरी गांव एवं शहरों के लोग सवारी देखने आते है। बाहरी क्षेत्र से आने वाले ग्रामीणों की पहली पसंद सेव व जलेबी होती है। लोग सेव जलेबी का स्वाद लेना नहीं भूलते। इसके चलते रविवार को ही यहां मार्गो पर जगह जगह सेव जलेबी की अस्थाई दुकानें सज गई।